2006 में टीवी सीरियल ‘कसम से’ से डेब्यू करने वाली प्राची देसाई (Prachi desai) अपने अभिनव से लोगों के दिल पर राज करती आ रही हैं। टीवी सीरियल्स व फिल्मों के बाद अब वे दिल को छू लेने वाली गजलों के कलेक्शन ‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) में नजर आ रही हैं। प्राची लंबे समय से टीवी व फिल्मी दुनिया से दूर थीं वहीं अब उनके फैंस उन्हें ‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) म्यूजिक एलबम में देख पाएंगे।
‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) एलबम के बारे में
‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) इस कलेक्शन की पहली गजल है जिसे सुप्रसिद्ध कवि अजय साहब (Ajay sahab) द्वारा लिखा गया है और प्रतिभा सिंह बघेल (Pratibha singh baghel) ने अपनी मनमोहक आवाज दी है। सुफिस्कोर (Sufiscore) के दिल को छू लेने वाले इस गजल कलेक्शन में आधुनिक शास्त्रीय संगीत जबर्दस्त पावर ऑफ इमोशन को दर्शाता है।
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‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain), एकतरफा प्यार की कहानी
‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) का मूल एकतरफा प्यार की कहानी से लिया गया है जो साहित्यिक दिग्गज अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी के जीवन से जुड़ा हुआ था। एक कहानी जो समय और सीमाओं से परे है, यह प्रेम, अलगाव और सार्वभौमिक मानवीय भावनाओं की जबर्दस्त कहानी है।
डायरेक्टर पाराशेर बरुआ की क्रियोटिविटी ने इस आधुनिक गजल के वीडियो में चार चांद लगा दिए हैं। इस गजल कलेक्शन में प्राची देसाई और सोम चट्टोपाध्याय नज़र आ रहे हैं।
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‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) कहां फिलमाया गया है?
‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) गाने को पॉन्डिचेरी और मुंबई की ऑफबीट लोकेशंस में शूट किया गया है। संगीतकार राजेश सिंह की धुनें, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के “शाम के रागों” से प्रेरित होकर, उदासी भरी सुंदरता से गूंजती हैं। जटिल लय और सामंजस्यपूर्ण तार प्रत्येक नोट के भीतर गहरी भावनाओं को रेखांकित किया गया है। ‘लफ्ज भीगे हैं’ (Lafz bheegay hain) गजलों में चित्रित दर्द और स्वीकृति के नाजुक संतुलन को भी दर्शाया गया है।