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Chandrayan 3 moon quake : चंद्रयान 3 को मिली एक और अहम जानकारी, चांद पर आया भूकंप

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Sep 1, 2023
chandrayan 3 moon quake

चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद से रोज इसे लेकर नए अपडेट आ रहे हैं। चंद्रयान-3 (Chandrayan 3) का विक्रम लैंडर रोज नई जानकारियां जुटाकर भारत को भेज रहा है। इसी बीच एक चौंकाने वाली अपडेट चंद्रयान3 ने भेजी है। दरअसल, चांद की सतह पर भूकंप आया है और चंद्रयान 3 को इसका पता चला है। इसरो (ISRO) के मुताबिक रोवर इस भूकंप के केंद्र का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।

कब आया चांद पर भूकंप?

इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर लगे इंस्ट्रूमेंट ऑफ लूनर सीस्मिक एक्टिविटी (ILSA) ने चंद्रमा की सतह पर भूकंप महसूस किया है।हालांकि, ये भूकंप आज नहीं 26 अगस्त काे आया था। इसरो ने ट्वविटर पर बताया कि चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगा ILSA पेलोड माइक्रो इलेक्ट्रो मेकैनिकल सिस्टम्स (MEMS) टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिसे पहली बार चाांद पर भेजा गया है। रोवर और अन्य पेलोड के चलने से भी चांद की सतह पर होने वाने कंपन को इस इंस्ट्रूमेंट ने रिकॉर्ड किया है।

क्या है ILSA का काम?

ILSA को प्रमुख रूप से चांद पर प्राकृतिक भूकंप के साथ-साथ लैंडर या रोवर के चलने से होने वाले कंपन को रिकॉर्ड करने के लिए बनाया गया है। यह प्राकृतिक ओर अप्राकृतिक कंपन में भेद कर सकता है। इल्सा ने 25 अगस्त को प्रज्ञान रोवर के चलने से हुई अप्राकृतिक वाइब्रेशन रिकॉर्ड की थी। इसके बाद 26 अगस्त को भी वाइब्रेशन रिकॉर्ड किए गए, हालांकि ये प्राकृतिक थी, जिससे समझ आता है कि चांद पर भूकंप आया था। अब रोवर इस भूकंप के केंद्र की जानकारी जुटाने में लगा हुआ है।

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बैंगलोर में तैयार हुआ था ILSA

चांद की सतह पर कंपन व भूकंप की जानकारी जुटाने वाला ILSA पेलोड बेंगलुरु की लैबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम (LEOS) में डिजाइन किया गया है। इसमें कई प्राइवेट कंपनियों का भी सपोर्ट रहा। इसे तैयार करने के बाद चंद्रयान3 से इसे चंद्रमा की सतह पर कैसे छोड़ा जाएगा इसकी पूरी प्रोसेस बैंगलोर के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) में तैयार की गई।

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